उन्नाव । प्रधानाचार्य कार्य योजना बैठक के तीसरे दिन वन्दना सत्र में मा0 कौशल जी प्रान्त प्रचारक ने माँ वीणापाणि के चरणों में पुष्प अर्पित किया व दीप प्रज्ज्वलित से किया गया । रामजी सिंह प्रदेश निरीक्षक अवध प्रांत, सुरेश सिंह जी सम्भाग निरीक्षक सीतापुर सम्भाग , अवरीश जी सम्भाग निरीक्षक साकेत सम्भाग , राकेश कुमार, प्रबन्धक स0वि0म0इ0का0 गोपीनाथपुरम शुक्लागंज व श्रवण कुमार सिंह, प्रधानाचार्य स0 वि0म0इ0का0गोपीनाथपुरम शुक्लागंज ने मां वीणापाणी के चरणों में पुष्प अर्पित किया।
विद्यालय के प्रबन्धक श्री राकेश कुमार जी ने मा0 प्रान्त प्रचारक जी को श्रीफल व अंगवस्त्रम से स्वागत व सम्मान किया । उत्तम जी ने मंचस्थ अतिथियों का परिचय कराया । अपने उदबोधन में मा0 कौशल जी ने बताया कि इस वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं । अतः हम 2 अक्टूबर 2025 को शताब्दी वर्ष मनाने जा रहे हैं । इस दिन प्रान्त , जिला, खण्ड, व मण्डल स्तर तक पूर्ण गणवेश में एकत्रीकरण और पथसंचलन के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे । साथ ही हर घर सम्पर्क अभियान का भी कार्यक्रम चलाया जाएगा । उन्होंने पंच परिवर्तन के बारे में बताया कि इनका क्रियान्वयन अगले वर्ष सितम्बर 2026 तक चलेगा ।
उन बिंदुओं में (1) कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक अस्पृश्यता (2) सामाजिक समरसता, (3) पर्यावरण संरक्षण, पॉलीथिन पर रोक, (4) स्व जागरण , स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग (5) नागरिक कर्तव्य। इन सभी गतिविधियों पर कार्यक्रम चलाए जाएंगे क्योंकि समाज में विभिन्न विकृतियां फैल गई हैं ।संस्कारों में दिनप्रति दिन गिरावट आ रही है हमारे बाल संस्कारों से दूर हो रहे हैं अतः हम विद्या भारती के विद्यालयों के माध्यम से भैया बहिनों को संस्कारक्षम बनाने का काम कर रहे हैं ।
उन्होंने बताया कि आज पूरे देश में लगभग 21514 विद्या भारती के विद्यालय चल रहे हैं जिनमें 7 महाविद्यालय भी हैं । इन विद्यालयों में लगभग 153840 आचार्य हैं और लगभग 3533922 भैया बहिन इन विद्यालयों में अध्ययनरत हैं । यह एक गैर सरकारी संस्थान हैं किंतु पूरी जिम्मेदारी से संस्कार युक्त और विद्वान छात्रों का निर्माण कर रहा है । मा0 प्रान्त प्रचारक जी ने जल संरक्षण ,वृक्षारोपण व पॉलीथिन पर रोक , स्वदेशी अपनाने आदि पर विशेष रूप से कार्य करने पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि इन कार्यों को पूरी योजना बनाकर समाज के सामने ले जांय और उन पर अमल करने के लिए कहें । अन्त में उत्तम जी ने मा0 कौशल जी का आभार प्रकट किया ।
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