विद्या भारती के विद्यालयों में स्वतन्त्रता दिवस एवं गणतन्त्र दिवस को भारतमाता पूजन दिवस के रूप में मनाया जाता है। अभिभावक एवं विद्यार्थी इस दिन अपने निकटवर्ती विद्यालयों में एकत्र होकर भारत के मानचित्र के आगे मिट्टी के दीपक जलाकर अभिनन्दन करते हैं। इस अवसर पर विद्यार्थी अध्यापक एवं अभिभावक,सम्पूर्ण समर्पण के साथ मातृभूति की सेवा का संकल्प लेते हैं|
“ईश्वर ही ईश्वर की उपलब्थि कर सकता है। सभी जीवंत ईश्वर हैं–इस भाव से सब को देखो। मनुष्य का अध्ययन करो, मनुष्य ही जीवन्त काव्य है। जगत में जितने ईसा या बुद्ध हुए हैं, सभी हमारी ज्योति से ज्योतिष्मान हैं। इस ज्योति को छोड़ देने पर ये सब हमारे लिए और अधिक जीवित नहीं रह सकेंगे, मर जाएंगे। तुम अपनी आत्मा के ऊपर स्थिर रहो। “
“स्वामी विवेकानंद”
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