लखीमपुर। विद्या भारती विद्यालय सनातन धर्म सरस्वती शिशु वाटिका की वन्दना सभा में विद्यालय की संचालिका श्रीमती हीरा सिंह ने मां सरस्वती,ॐ , भारत माता और बाल गंगाधर तिलक के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर पुष्पार्चन कर बाल गंगाधर तिलक जी बारे में भैया बहिनों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाल गंगाधर तिलक जयंती हर साल 23 जुलाई को मनाई जाती है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता और समाज सुधारक को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाई जाती है। तिलक जी का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरि में हुआ था। वह "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है" के नारे के लिए प्रसिद्ध हैं, जिसने भारतीयों में स्वतंत्रता की भावना को जगाया।
कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती पूनम सिंह ने प्रेरक प्रसंग के माध्यम से बताया कि तिलक जी गणित के पेपर में हमेशा कठिन सवालों को हल करना पसंद करते थे। उनके मित्र ने कहा कि आसान सवालों को हल करने से अधिक अंक मिलेंगे, लेकिन तिलक जी ने कहा कि वह अधिक सीखना चाहते हैं और इसलिए कठिन सवालों को हल करते हैं। यह दर्शाता है कि वह सीखने के लिए हमेशा तैयार रहते थे और चुनौतियों का सामना करने से नहीं घबराते थे। अंत में संचालिका जी ने बताया कि बाल गंगाधर तिलक जी की जयंती हमें उनके आदर्शों और विचारों को याद करने और उनसे प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करती है। उनके जीवन और कार्यों से हमें सीखने को मिलता है कि कैसे चुनौतियों का सामना करना है और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। कार्यक्रम का समापन वन्देमातरम् के साथ हुआ।
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