लखनऊ। विद्या भारती काशी प्रांत द्वारा आयोजित पाँच दिवसीय प्रांतीय पंचपदी अधिगम पद्धति कार्यशाला सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर क्यू अलीगंज के सभागार में भव्य शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और पुष्पांजलि के पारंपरिक अनुष्ठान के साथ हुआ, जो ज्ञान और विद्या के आह्वान का प्रतीक है। कार्यशाला में क्षेत्रीय प्रशिक्षण प्रमुख श्रीमान दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि विद्या भारती की पंचपदी शिक्षण पद्धति की योजना बनी है, इसमें पाँच चरण होते है जैसे अधीति, बोध, अभ्यास, प्रयोग एवं प्रसार। अतः इसे पंचपदी कहते है।
इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित पंचपदी अधिगम पद्धति के आधार पर प्रभावी पाठ योजनाएँ बनाने के कौशल से लैस करना है। शिक्षण प्रणाली को नए कलेवर के साथ NEP 2020 में हमारी पंचपदी को समाहित किया गया है, इसी पर आधारित पाठ योजना का निर्माण किस प्रकार से किया जाय इस कार्यशाला में हमें वही सीखना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह कार्यशाला इस दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आगे बताया कि विशेषज्ञ प्रशिक्षक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप नई शिक्षण पद्धतियों पर प्रतिभागियों को इस पाँच दिवसीय कार्यशाला में पंचपदी पर आधारित पाठ योजना निर्माण का गहन प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
कार्यक्रम में प्रदेश निरीक्षक श्री रामजी सिंह , संभाग निरीक्षक श्री सुरेश कुमार सीतापुर संभाग , श्री अवरीश कुमार साकेत संभाग , सेवा शिक्षा प्रमुख श्रीमान सुरेश मणि सिंह जी सहित अवध प्रांत के लगभग 170 आचार्य / आचार्या यहीं रहकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रधानाचार्य श्री संतोष कुमार सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र , श्रीफल तथा पौधे भेंट कर कराया ।
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